दिल की कलम से लिखो l शायर की जुबां से कहो ll हरएक पल जीभर जियो l रोज लम्हों के साथ बहो ll आसां नहीं है जिंदगी जीना l अब खुदा की मरज़ी सहो ll क़ायनात में खुशियाँ हैं छिपी l जहां भी रहो बस खुश रहो ll जिंदगी को जिंदादिली से लो l खुद को खुदा के दिल में रखो ll प्रिये महफिलों में ना घुमा करो l पीना है तो जाम नजरों से पियो ll १६-३-२०२३ अपनी बर्बादी का जश्न मना रहा हूँ l तेरी बेवफाई तुझे ही दिखा रहा हूँ ll