बुआ से मजाक करते हुए शगुन ने दादी की तरफ मुँह करके कहा - "दादी अभी हम पुतुल से बात कर रहे थे वो बता रही थी कि बुआ, फूफा जी को डाँट-फटकार कर आई है यहाँ पर ।’’ ‘‘तो क्या हम उनकी डाँट सुने....’’ मुँह फुलाकर बोलती हुई लाली बुआ के दिमाग की बत्ती अचानक जली और वो बोली- ‘‘तो तू पुतुलिया से बतिया रही थी।’’‘‘तो क्या?, आप क्या समझी?, आपके दामाद से बतिया रहे थे! अभी मिले नहीं, मिलते ही करवाते हैं आपसे बात ।’’ कहती हुई शगुन छत पर जाने के लिए सीढ़ियाँ चढ़ गई और उसकी