जस्बात-ए-मोहब्बत - 5

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कहते है दिल पे किसी का एख्तियार होता कहा है,करने से दुनिया मे प्यार होता कहा है,रिचा दिल ही दिल प्रोफ़ेसर अवस्थी को पसंद करने लगती है ये बात रिचा मानती ही नहीं है और प्रोफ़ेसर अवस्थी कि क्लास शुरू हो जाती है प्रोफ़ेसर बोर्ड पर स्टूडेंट्स को पढ़ाते है रिचा थेओरी समझ तो रही होती है पर साथ ही साथ रिचा का ध्यान प्रोफ़ेसर कि ओर भी जाता है ये देख कर नयन्सी रिचा को छेड़ती है,हा,हा देखले अच्छे से, देख तू मान या न मान पर तू प्रोफ़ेसर अवस्थी को चाहने लगी है तो रिचा कहती है तू