कैक्टस के जंगल - भाग 20 - (अंतिम भाग)

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20 समय का चक्र कल्जीखाल की पहाड़ियों पर धूप पसर आई थी। जसमतिया धूप का आनन्द लेती रही। अक्टूबर शुरू हो गया था, इसलिए हवा में ठंडक बढ़ गई थी। जसमतिया को धूप में बैठना बड़ा अच्छा लग रहा था। मगर धूप में बैठने से काम चलने वाला नहीं था। जसमतिया उठी। उसने दुकान खोलकर अंगीठी सुलगाई और फिर दुकान झाड़ने पोंछने लगी। कल्जीखाल एक पहाड़ी कस्बा है। नाम कस्बे का है, मगर दो-चार सरकारी दफ्तर, एक अदद सरकारी स्कूल, एक अस्पताल और दस-पन्द्रह घर, यही सब मिलकर कस्बा बनता है। नीचे गाँव के कुछ लोगों ने होटल और चाय