29 =============== “बैठो न ! कुछ काम है क्या? ” शीला दीदी ने सामने मेज़ पर रखे हुए ग्लास में से बची पानी की घूँट भरने का प्रयत्न करते हुए मुझसे कहा | “हाँ, है भी और नहीं भी----उत्पल आने वाला है। उसी के साथ स्टूडियो में बिज़ी होना है लेकिन अभी उसे आने में कुछ देर है ----” कहते हुए मैंने अपने आपको कुर्सी में से निकाला और मेज़ पर पानी से भरे जग को उठाकर उनके खाली ग्लास में पानी भर दिया| “थैंक--यू---” उन्होंने धीरे से कहा और ग्लास उठाकर दो/तीन लंबे घूँट पानी के मुँह में भर