नवरात्रों का वसंत अनुराधा वैसे तो धर्म पुण्य में कुछ खास दिलचस्पी नहीं लेती अपने मन की मालकिन जो ठहरी ! वहीं नवरात्रे पर बाजार आहा ! क्या खूब सजा है रंगीन गेंदे, गुलाब ,चमेली की माला , दूसरी तरफ खाने की चीजें कुट्टू , साबूदाना , चिप्स, और भी बहुत कुछ यह सब देख कर मन बाग बाग हो गया । अनुराधा ने अपनी मां को कहा मां..." मुझे भी नवरात्रे करना है मुझे मना तो नहीं करोगी । बेटी की श्रद्धा और 9 दिन सात्विक तपस्या से घबड़ाई मां ने पहले हां कह दिया किंतु भीतर ही भीतर