यादों के कारवां में - भाग 11

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32 थाम लो हाथ बढ़कर हे ईश्वर! थाम लो मेरा हाथ बढ़कर औरमैं जानता हूं किस्वयं द्वारा थामा गया हाथआप कभी नहीं छोड़ते,और आप देते हैं मजबूती उन हाथों को,जो संकटों में थामते हैं किसी का हाथ,औरजो आते हैं मेरे जीवन में भीथामने मेरा हाथ,तुम्हारा प्रतिनिधि बनकरकिसी भी रूप में। डॉ. योगेंद्र कुमार पांडेय33 चाय या कॉफी साथ साथी केप्रेम से पिलाई गईचाय या कॉफी मेंआ जाता है स्वाद अमृत सा,जब साथ मिल बैठते हैंदोस्त,प्रिय,सखा,मित्र,संग साथअन्यथा,वही चाय और कॉफी हो जाती है,बेस्वादजो रखी जाए सामने बेमन से,इसीलिए,स्वाद नहीं होता चाय या कॉफी में,जायका होता है,मित्रता मेंइसलिए,बराबरीपन की चाय और कॉफी