एक नगमा तुम्हे सुनाता हूँ एक नगमा तुम्हे सुनाता हूँ हर किस्सा तुम्हे दिखलाता हूँ जीवन की राह पर आज चलना तुम्हे सिखाता हूँ एक नगमा तुम्हे सुनाता हूँ पंछी का गीत सुनाता हूँ अम्बर का चाँद दिखाता हूँ फूलों की महक से बुन कर एक नगमा तुम्हे सुनाता हूँ झर -झर बहते झरने का दीदार तुम्हे कराता हूँ एक नगमा तुम्हे सुनाता हूँ मैं इठला हुआ हिमालय हूँ मैं इठला हुआ हिमालय हूँ जल-जल को मैं ललचाया हूँ किस दृष्टि से