प्रेम गली अति साँकरी - 24

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24---- ============ व्यस्तता के बावज़ूद हम सब ही कोशिश करते कि खाने की मेज़ पर तो साथ-साथ बैठें | और कुछ नहीं तो थोड़ी देर के लिए ही सही सबके चेहरे आमने-सामने तो रहेंगे| उत्पल इधर अम्मा-पापा के भी बहुत करीब आता जा रहा था इसलिए कभी-कभी जब वह चाय या खाने के समय वहाँ होता, अम्मा उसे अपने साथ टेबल पर बैठने का आग्रह करतीं | धीरे-धीरे वह इतना खुल गया कि चर्चा में भी सम्मिलित हो जाता और अम्मा को न जाने एक तसल्ली सी होने लगती | वह उस पर भाई यानि अपने बेटे जैसा प्यार लुटाने