विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 30

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विश्वास (भाग -30)संध्या ने दोनो तरफ के कपड़े काफी सिंपल पर अच्छे लिए। "मीनल और टीना ने कहा भी कि इतनी सुंदर हो थोड़ा गहरे रंग और भारी ले लो। नयी नवेली दुल्हन पर अच्छे लगते हैं"।संध्या -- आँटी जी मम्मी जी ने मेरे लिए काफी तरह की गहरे रंगो की साड़ियाँ ले कर रखी हुई हैं, रोज वो सब नहीं पहन सकती तो इसलिए ऐसे ले रही हूँ जो रोज पहँनू।मीनल -- "फिर तो ठीक है बेटा। तुम बहुत समझदार हो"। टीना -- "संध्या क्या मैॆ आपको दीदी बोल सकती हूँ"?संध्या -- क्यों नहीं , मुझे भी छोटी बहन