फुल टाइम मेड

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दोपहर को जैसे ही रुचि घर में घुसी घर का नजारा देख उसका खून खौल गया।सिंक बर्तनों से भरी थी। गीले तौलिए बेड पर पड़े उसे मुंह चिढ़ा रहे थे और चिप्स के पैकेट सैंटर टेबल पर पड़ेहंस रह थे।कुछ कपड़े जो वह सुबह-सुबह सुखाकर गई थी कड़ी धूप में पड़े रूचि के साथ साथ अपनी किस्मत को रो रहे थे।उसने बच्चों के कमरे में जाकर देखा। दोनों बच्चे अपने कान में ईयर फोन लगा किताब सामने रख मस्त मगन थे और पतिदेव का उसे पता था कि आज शनिवार था तो देर से उठे होंगे और आराम से अपना