सुलतान अपनी चेयर पर बैठते हुए आयशा की ओर मुस्कुराकर देख रहा था । वह हंसते हुए सिर को ना में हिलाते हुए कहता है। सुलतान: तो! यहां पर कैसे आना हुआ! और इतने दिनों से इस शहर में आई हो! मिल ने भी नहीं आई!? ।आयशा: ( आंखे मींचकर खोलते हुए ) फॉर गॉड सेक कितनी दफा बता चुकी हूं! ना तो मुझे तुमसे कोई ताल्लुक रखना है! ना ही मुझे शोख है! यहां आने का! अगर बिजनेस की बात ना होती तो! मैं तुम्हारी शकल भी देखना पसंद नहीं करती। सुलतान: अच्छा! और तुम्हे लगता है! तुमने कहां