विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 23

  • 3.3k
  • 1.6k

विश्वास (भाग -23)भुवन और टीना की बातों को स्टॉप घर के गेट के सामने लगा। "अरे पता ही नहीं चला और घर पहुँच गए"। टीना ने कहा तो भुवन हँसते हुए बोला "कैसे पता चलता शेरनी बोलती ही इतना है"!!दादी सरला चाची के घर से आ गयी थी। उनको भी भुवन की मम्मी से स्कूल के मुहुर्त का पता चला। खुले आँगन में सब तैयारियाँ चल रही थी। मिठाइयाँ बन कर आ चुकी थी। रात को खाना खाने के बाद दादी तो कमरे में आराम करने चली गयी पर टीना भुवन और उसके भाईयों के साथ बातें करने में बिजी