सब ने अपनी अपनी सीटें संभाल ली थी। हदीद और अज़ीन पीछे बैठे थे और अरीज उमैर के साथ सामने। उमैर बिल्कुल खामोश बैठा गाड़ी चला रहा था हलांकी उसके अंदर हलचल मची हुई थी और उसे परेशान कर रही थी। तभी उसका सेल फोन बज उठा था। स्क्रीन पर सनम का नाम शो हो रहा था। उमैर न कॉल पिक कर ली थी। “हाँ बोलो क्या बात है?” उमैर ने जानबूझ कर सनम नाम अपने मूंह से निकालने से खुद को रोका था इसलिए नहीं की अरीज उसके साथ थी बल्कि इस लिए के हदीद और अज़ीन भी साथ