होली है कन्हाई

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लघु कथा होली है कन्हाई होली का रंग चढ़कर बोल रहा है।फागुनी हवा ने जैसे पूरी प्रकृति को मस्ती में झूमने और डोलने को मजबूर कर दिया हो। आसपास अमलतास, सेमल और गुलमोहर के पेड़ों में फूल खिले हैं।पास के पलाश के पेड़ में दहकते से लाल फूल खिले हैं और जैसे प्रकृति ने खुद मानव को इन सुर्ख और विविध चटख रंगों की भेंट दी हो। कृष्ण मथुरा जाकर राजकाज में व्यस्त हो गए हैं। वृंदावन से चलते समय गोपियों ने आशंका प्रकट की थी कि कृष्ण मथुरा जाकर उन्हें भूल तो नहीं जाएंगे।कृष्ण ने उन्हें आश्वस्त किया था