अध्याय 9 शांभवी मेजर विक्रम को अपने प्रेम मेजर शौर्य की कहानी आगे सुना रही है... मेजर विक्रम की आंखों में नींद कहां? वे दम साधे पूरी बात सुन रहे हैं..... (22) शांभवी ने आगे बताया...... कैप्टन विजय की शहादत के बाद जैसे दीप्ति और शौर्य सिंह की दुनिया ही बदल जाने वाली थी। यह दोनों के जीवन पर एक बड़ा आघात था।विजय के पार्थिव शरीर को देखकर दीप्ति गश खाकर गिर पड़ी थी और घंटों बेसुध रही। रो-रो कर उसका बुरा हाल था।यह भी विधि की एक विडंबना थी कि सात साल के छोटे से बालक ने अपनी रोती