हंसी के महा ठहाके - 8 - विवाह समारोह

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विवाह समारोह आजकल बदल से गए हैं। एक तो पहले की होने वाली 4 से 5 दिनों तक चलने वाली शादियां और उसमें कम से कम हफ्ते भर पहले से आने वाले मेहमान। अब नजदीकी रिश्तेदार भी बस शादी वाले दिन ही पहुंचते हैं और वे भी कोशिश इस तरह करते हैं कि रिसेप्शन होने के समय तक पहुंच जाएं ताकि एक पंथ दो काज हो जाए। पंगत में बैठकर खाने- खिलाने के दिन तो कब से गए। बफे सिस्टम के रूप में भोजन की जो अवधारणा सामने आई है वह,भीड़भाड़ के कारण विचित्र सा नजारा निर्मित करती है। पिछले