दिल है कि मानता नहीं - भाग 8

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उधर निर्भय के पाँव का ऑपरेशन भी सफलतापूर्वक हो गया। उसे भी उसके बाद कमरे में शिफ्ट कर दिया गया। होश में आते ही सबसे पहले उसे कुणाल और उसकी माँ सरस्वती दिखाई दिए। सरस्वती ने पूछा, “बेटा अब कैसा लग रहा है?” “मैं बिल्कुल ठीक हूँ माँ।” सरस्वती ने कहा, “ठीक है बेटा मैं घर जाती हूँ। घर पर श्रद्धा अकेली है वह भी बहुत चिंता कर रही होगी।”   माँ के जाते ही निर्भय ने अपनी आँखों से आँसू पोंछते हुए कुणाल से पूछा, "कुणाल वह कहाँ है तुझे पता है क्या?”  कुणाल ने कहा, “वह इसी अस्पताल में