युसूफ अली ने ऐसी करामत जिंदगी में कभी नहीं देखी होती।वह बहुत डर जाता ।डर के मारे उस की बोलती बंद हो जाती है।हिना उसके करीब आने लगती है।हिना को करीब आती देख कर।युसूफ अली और भी ज्यादा डर जाता है।वह धीरे-धीरे पीछे होने लगता है।हिना उसका डर समझ जाती है।हिना उसे कहते हैंआप डरो मत मैं कोई भूत नहीं हूं।मैं भी आप ही की तरह के इंसान हूं।युसूफ अली कहता हैएक जगह से दूसरी जगह जिसमें मिलो का फैसला है वहां एक ही पल में कैसे पहुंच जाते हैं ?यह नामुमकिन बात है ?यह करामत आपने कैसे की ?आखिर