एक और श्लोक था और दूसरी स्नेहा। स्नेहा को जहां कायरा की बातों ने अंदर तक हिलाकर रख दिया था, वहीं श्लोक के कानों में जेनी के शब्द गूंज रहे थे। अपनी-अपनी सोच में डूबे श्लोक और स्नेहा किले में एक सुनसान जगह पर एक-दूसरे के सामने आ खड़े हुए थे। हालांकि दोनों ने ही यह नहीं सोचा था कि वे दोनों इस तरह से एक-दूसरे के आमने-सामने आ जाएंगे। इससे पहले भी वे कई बार कॉलेज में एक-दूसरे के आमने-सामने हुए हैं, एक-दूसरे खूब बातें भी की है, परंतु आज बात कुछ अलग थी। हमेशा बातें करने वाले आज