गंगा, यमुना और सरस्वती तीनों बहनें सदियों से धरा पर अपना सौंदर्य बिखेर रही हैं। इंसानों, पशु-पक्षियों, जीव-जंतुओं, सभी को जीवन दान दे रही हैं। हर रोज़ तीनों बहनें एक स्थान पर ज़रूर मिलती हैं। आपस में एक-दूसरे के सुख-दुख बांटती हैं। हँसती, खिलखिलाती, स्वच्छंद घूमती, अपने साथ निर्मल जल लेकर यहाँ से वहाँ बहती यह तीनों बहनें अपने जीवन से बहुत ख़ुश थीं। इसे भगवान का आशीर्वाद समझती थीं कि भगवान ने उन्हें सरिता का रूप देकर पृथ्वी पर सभी के कल्याण के लिए भेजा है। धरती पर बसी मानव जाति से भी वे बहुत ख़ुश थीं कि वे