पुस्तक मेला, गजल सभा और दही-बड़े यशवन्त कोठारी श्रीमती दही-बड़ा, श्रीमती पानी-पूरी और श्रीमती पाव-भाजी ने मिलकर तय किया कि पुस्तक मेले में आयोजित गजल सभा का आनंद लिया जाए। आप श्रीमती दही-बड़ा, श्रीमती पानी-पूरी व श्रीमती पाव-भाजी से कन्फ्यूज मत होइए। ये नाम क्रमशः श्रीमती शर्मा, श्रीमती वर्मा और श्रीमती जैन के मोहल्ले के बच्चा लोगों ने उनकी खाने की पसंद के आधार पर रखे हैं। पुस्तक मेले में बड़ी भीड़ थी। साहित्य, संस्कृति और कला संबंधी स्टॉलों पर पुस्तकें तो थीं, मगर इन स्टॉलों पर भीड़ नहीं थी। भीड़