परम भागवत प्रह्लादजी -भाग8 - देवताओं का हिरण्यपुर पर आक्रमण

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[महारानी कयाधू का हरण]देवराज इन्द्र, हिरण्यकशिपु की दशा देखकर जब अपने स्थान पर पहुँचे तब उन्होंने अपने मन्त्रिवर्ग को बुलाया और उनसे परामर्श किया। सभी लोग एकमत हुए कि इस समय जबकि हिरण्यकशिपु तपस्या के कारण निर्जीव-सा हो रहा है, हम लोग यदि उसकी राजधानी 'हिरण्यपुर' पर आक्रमण करें, तो अपने नैसर्गिक शत्रु 'असुर समुदाय' को सदा के लिये नष्ट-भ्रष्ट कर सारे संसार में अपना प्रभुत्व स्थापित कर सकते हैं। पहले तो उस मृतप्राय हिरण्यकशिपु के लौटने की आशा नहीं, फिर वह लौटेगा भी, तो निःसहाय होने के कारण उससे हम लोगों को कोई भय नही होगा। ऐसी मन्त्रणा कर