मेरे खुशियों की वजह हो तुम....! Part 1(परिचय- मैं इस कहानी को इस तरह लिख रहा हूं जैसे हम और हर कोई लिखना या जीना चाहता हो ।प्यार, इश्क, मोहब्बत, यह सब हो बच्चो के लिए है, इस जमाने में प्यार वो नही जो आपको पहली नाराज में देख कर हो जाए प्यार तो वो है जिस के लिए हमारे दिल इज्जत हो, सम्मान हो, चार दिन की मोहब्बत तो कोई भी कर लेगा मगर जो आपका सम्मान करे आपको खुश रखे, खयाल रखे ऐसी ही जिंदगी को जीने के लिए हम उस इंसान को ढूंढते है, जिसे कह सके,