नवाज हुसैन की दोनों बेटियां अब शादी के काबिल हो चुकी थी।नवाज उसे अपने बेटे युसूफ अली कोदोनों बहनों की शादी की बात कहता है।नवाज हुसैन और युसूफ अलीफरजाना और यास्मीन के लिएरिश्ते तलाश करने लगते है।थोड़े दिनों में फरजाना और यास्मीन के लिए अच्छे रिश्ते मिल जाते हैं।युसूफ अली बड़े धूमधाम से अपने दोनों बहनों की शादी करवाता है।दोनों बहने विदा ले कर चली जाती है।युसूफ अली की बहुत बड़ी जिम्मेदारी खत्म हो जाती है।युसूफ अली अपना पूरा ध्यान अब तंत्र सीखने में लगाता है।युसूफ अली तंत्र के बहुत सारे विद्या में माहिर हो जाता है।उसका सिर्फ एक ही