कैक्टस के जंगल - भाग 13

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13 सरहद शाम का धुंधलका धीरे-धीरे चारों ओर छाने लगा था। बॉर्डर पर तैनात बी.एस.एफ. के सूबेदार ने सरहद की ओर देखा था। दूर-दूर तक फैले कटीले तार भारत-पाक सरहद के गवाह थे। रघुराज सिंह पिछले दस सालों से सरहद पर तैनात है। इन दस सालों में सरहद पर कुछ नहीं बदला है। दूर-दूर तक फैली रेत, गर्मियों में लू के थपेड़े, रेत के अंधड़ और दोनों देशों के बीच लोगों की आवाजाही सब कुछ वैसा ही है, जैसा दस साल पहले था। दुनियां जाने कहां से कहां पहुंच गई है मगर सरहद पर परिवार वालों की कुशलक्षेम जानने का