अनसुनी यात्राओं की नायिकाएं - भाग 7

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प्रदीप श्रीवास्तव भाग 7 मैंने सोचा कि, इससे पूछ ही लूँ ऐसे फूहड़ तरीके से दूध पिलाने के बारे में. चाय देते हुए कहा, 'पिछले दो स्टेशन पर कुछ ले ही नहीं पाया, खाने का टाइम हो रहा है, आगे किसी स्टेशन पर मिलेगा तो ले आऊंगा.' मोहतरमा ने चाय लेते हुए कहा, ' इतना परेशान ना हो, केला, संतरा, सेब, सब ले चुके हो. इसी से काम चल जाएगा.' उसने बिलकुल पत्नी के से अंदाज़ में कहा, तो मैं उसे गौर से देखने लगा. इस पर वह बोली, 'ऐसे क्या देख रहे हो?' अब-तक मेरी नजर बच्चे, दूसरे स्तन