इश्क़ ए बिस्मिल - 66

  • 2.9k
  • 1.4k

इस साल बोहत ज़्यादा गर्मी पड़ी थी... न्यूज़ चैनल्स में हर साल की गर्मियों की रिकॉर्ड टूटने की खबर आ रही थी। कुछ लोग परेशान थे तो कुछ लोग अल्लाह की मर्ज़ी पर सब्र कर रहे थे। ऐसे मे आज दोपहर मे अचानक से होने वाली बारिश ने सबको शादमान कर दिया था। और यही हाल सनम का भी था। “कितना अच्छा मौसम हो रहा है उमैर... चलो ना लाँग ड्राइव पर चलते है।“ उमैर अपने लैपटॉप पे अपनी आँखें गाड़े बैठा था। जब सनम ने खिड़की की तरफ़ देखते हुए कहा था। “मुझे बोहत काम है सनम... “ उमैर