हंसी के महा ठहाके - 5 - इश्क़ का चक्कर भाग 1

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भाग 5 :इश्क़ का चक्कर भाग 1 आजकल इश्क़ के तौर-तरीके बदल गए हैं। पहले प्रेम तो विवाह के बाद ही होता था। शादियां इस तरह की होती थीं कि माता पिता ने जहां विवाह निश्चित कर दिया; लड़का और लड़की उसे ईश्वर आज्ञा समझकर स्वीकार करते थे और ऐसी शादियां टिकती भी जीवन भर थीं। संयुक्त परिवार में बड़ों की उपस्थिति में एक दूसरे से मिलना भी मुश्किल काम होता था। एक कठोर अनुशासन और मर्यादा का स्वबंधन हर जगह दिखाई देता था। यह जमाना चिट्ठी- पत्री का था।आंखों ही आंखों में इशारों का था ।पति पत्नी एक दूसरे