17 – =========== अपने कमरे के दरवाज़े पर नॉक सुनकर मैंने कहा –“आ जाइए | ” मुझे मालूम था महाराज होंगे मेरी कॉफी और अखबार के साथ ! “गुड मॉर्निंग दीदी ---” महाराज ने कमरे में आकर ट्रे मेरी खिड़की के पास की मेज़ पर रख दी| “क्या हुआ दीदी?आपकी तबीयत तो ठीक है न ?” महाराज ने अपनत्व से पूछा तब मेरा ध्यान गया कि वह महाराज नहीं उनका बेटा रमेश था | “गुड मॉर्निंग ---हाँ, बिलकुल –क्यों?” मैंने उसके चिंतित चेहरे पर दृष्टि डाली| “वो, आपके कमरे की लाइट बहुत देर से खुली हुई थी ---” धीरे से