उजाले की ओर –संस्मरण

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.................. सभी मित्रों को स्नेहमय नमस्कार जीवन की तलहटी में ऊपर नीचे घूमते हुए हमें न जाने कितने लोग मिलते हैं। वो मिलते हैं और कुछ देर साथ रहने वाले सहयात्री की भाँति हमसे बिछड़ भी जाते हैं। मनुष्य इस जीवन में अनेकों से मिलता है, कुछ देर साथ रहता है और अपनी अपनी दिशा की ओर बढ़ जाता है। लेकिन हमारी ज़िंदगी में ऐसे लोगों की बहुत आवश्यकता है जो हमसे भीतर से जुड़े रहें और हम उनसे। लोगों को अथवा हमें प्रेम, विश्वास, और सपोर्ट की ज़रुरत तब सबसे ज्यादा होती है जब हम किसी बुरे दौर से