Blogदादीमाँ (Grandma's Debt is to be paid)सुना था पेहचान होती है तो रिश्तो की शुरुवात होती है,और पेहचान खत्म हो जाने से रिश्ते खत्म हो जाते है.. मेरी दादीजी कि जिंदगी मैं अब किसीकी पेहचान रहती ही नही है, फिर भी रिश्ते टिके रहते है।पता नही हम अपनी ज़िंदगी की कहानी श्याही से क्यो लिखते है, कही न कही उसी चाह मैं श्याही से लिखते है कि कोई उसे मिटा न शके,, लेकिन उसे हमेशा क्यों रखना है?? हम एक rubber क्यों नही रखते? जिससे हम सारी गलतियां , गलत फेसले मिटा सकें!! क्यों सब यादों से हमे हर बार