लेखक: प्रफुल शाह प्रकरण-109 उपाध्याय मैडम ने घर के बारे में भावनायुक्त विचार व्यक्त किये। ‘एक स्त्री के लिए अपने अधिकार का घर पाना कितना दुर्लभ होता है, और उसकी कितना महत्ता है, यह बात उन्होंने अच्छे से समझायी। बहुत कम स्त्रियां ऐसी होती हैं जो अपना घर खरीद पाती हैं, उस पर केतकी जैसी इतनी कम उम्र में घर खरीदने वाली तो और भी कम होती हैं। इस लिए केतकी का जितना अभिनंदन किया जाए, कम ही है।’ इतनी तारीफ सुनकर केतकी शरमा गयी। उसने धीरे से कहा, ‘मैडम, मैंने कुछ नहीं किया। हालात ही ऐसे बन गये कि