प्रतिभोज

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गांव का नाम बताने की जरूरत नही। भारत के सभी गांवो का लगभग यही हाल है।शादी का मंच सजा है। दुल्हा-दुल्हन के लिए सोफे लगे हैं। मेहमानों के लिए सामने ही कुर्सियां लगी है। और वही ढोल नगाड़े की गुंजाहट। चारों तरफ मिष्ठान की‌ चौकरियां बनी हुई है। बीच में मसालेदार चटाकेदार भोजन। वही टेंट के बाहर समर और समीर दोनों बांट में है कब प्रवेश की इजाजत मिले। दोनों दोपहर से बांट में है। पिछले तीन दिनों से बड़ी मेहनत भी की है बेचारो ने, टेंट के लिए लोहे के बड़े-बड़े गाटर को काटा फिर टेंट के लिए ईंट