कोरोनकालीन पाखण्ड है कोरोना माई

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है कोरोना माई--उपन्यास--लेखक-डॉ राकेश कुमार सिंहप्रकाशक--निखिल पब्लिशर्स एंडडिस्टिब्यूटर्स, आगरामूल्य 500रु पृष्ठ-144-------------------------------------------------------ख्यातिलब्ध डॉ राकेश कुमार सिंह व्यंग विधा के सशक्त और मजे हुए रचनाकार है।इनकी यह व्यंग्यात्मक रचनात्मकता उस समय एक कीर्तिमान रचती है जब कोरोना काल मे कोरोना विषयक यह एक दो नही आठ व्यंग्यात्मक उपन्यासों की रचना करते है।इनके व्यंग्यात्मक कोरोना साहित्य के अंतर्गत एक व्यंग्यात्मक लघुकथा संग्रह-कोरोना की चिल्लर और एक कोरोना कालीन बेतुकी तुकबन्दियाँ नाम का कविता संग्रह ,दो कृतियां और हैं।श्रंखलाबद्ध इन 10 कृतियों में पहली कृति है-हे कोरोना माई।इसमें कोरोना आगमन के शुरुआती दौर की कथा है।इस समय लोग कोरोना महामारी को लोग अपने अतीत