अज़ीन को देखते ही अरीज की हालत संभल गई थी इसलिए उसे डॉ ने हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया था। ज़मान खान अरीज और अज़ीन को घर ले आए थे और आते ही उन दोनों को आराम करने के लिए उनके रूम में भेज दिया था और खुद अपने कमरे में जा कर शुक्राने की दो रकत् नफ़ील् अदा की थी। आज उन तीनों पर क़यामत गुज़री थी मगर उन्हें अफ़सोस था की उनकी बीवी और बेटी को किसी के जीने मरने या फिर गुम हो जाने से कोई फ़र्क नहीं पड़ता था। उन दोनों ने इंसानियत के नाते भी