कुछ दिनों तक राकेश दिव्या के करीब नहीं गया। कॉलेज इलेक्शन की तैयारियां जोरों पर थी। एक दिन बाद ही नामांकन दाखिल करने की तारीख़ थी। दिव्या इलेक्शन में उलझी हुई थी। फिर भी उसके मन में बार-बार राकेश की याद आ जाती । वह सोचती आखिर क्या बात हो गई? वह आखिर कहाँ गायब हो गया? फिर किसी तरह उसके मोबाइल नंबर लेकर उसे कॉल करती है। "हेलो" "हेल्लो, हाँ कौन?" "अरे वाह! तुम तो बड़े जल्दी भूल गए।" "दिव्या मैडम!" राकेश ने दिव्या की आवाज को पहचान कर आश्चर्य के साथ बोला। "कहाँ गायब हो गए तुम आज