हमने दिल दे दिया - अंक २६

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अंक २६ सारवार          अंश और दिव्या दोनों दुनिया की सारी झंझाल छोड़कर अपनी अलग ही मोज में खोए हुए थे और अपनी कहनिया और किस्से एक दुसरे को बता रहे थे |     मेरा छोडो तुम जब से मिले हो तब से मेरे बारे में ही पुछे जा रहे हो कुछ अपना भी बताओ जरा ...दिव्या ने अंश से कहा |     अभी मेरे बारे में क्या बताऊ मुझे तो तुम अच्छी तरह से जानती ही हो ...अंश ने दिव्या से कहा |     अरे कोई तो तुम्हारा भी प्रेम प्रकरण रहा होगा ना जैसे तुम्हारा