हमने दिल दे दिया - अंक २३

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  अंक २३. अस्पताल जाने की तैयारी         सुबह के करीब १० बज चुके थे और अंश और उसके दोस्त दिव्या को अस्पताल ले जाने के लिए तैयार थे | अंश अभी तक अपने घर पर ही था | अंश अपने फ़ोन से अशोक को फोन लगाता है | अशोक के फोन की घंटी बजते ही अशोक फोन उठाता है |     हा अंश बोल ...अशोक ने फोन उठाते ही कहा |     कितनी देर अशोक तुम्हे पता तो है जितना हो सके उतना जल्दी आना था ...अंश ने घर में इधर उधर चक्कर लगाते हुए कहा