अंक २२. ख़ुशी और अंश सारे दोस्त और ख़ुशी देर रात तक दिव्या के साथ बैठने के बाद वहा से घर जाने के लिए निकलते है | सुबह के लगभग लगभग ४ बज चुके थे और इस तरफ जादवा सदन में मधु भाभी हर बार की तरह इस बार भी सुबह के ४ बजने के कारण जग चुके थे और ख़ुशी के कक्ष की और से गुजर रहे थे जहा उनकी नझर ख़ुशी के कक्ष की खिड़की पे पड़ती है जहा उन्हें ख़ुशी अपने बेड पर नहीं दिखती जिस वजह से उनके मन में कई सारे सवाल उठते