कार में बैठे दोनों ही लोग एक - दूसरे से बिल्कल अनजान थे उन्हें नहीं पता था आज किस्मत उन्हें एक बंधन में हमेशा के लिए बांधने वाली है । थोड़ी ही देर में दोनो पाखी के घर पहुंच जाते है , पाखी कार से उतरती है वो जेसे ही उसे थैंक्स कहने के लिए झुकने ही वाली थी तभी उसे रघु की चीख सुनाई देती है ,ये सुनते ही पाखी कुछ कहे बिना ही अंदर चली जाती है । अरुण उसे ऐसे करते देख कर अपने मन में ही कहता है , "अजीब लड़की है , थैंक्स बोले बिना