कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं

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जीवन में रिश्तों की अहमियत बहुत होती है। जन्म के बाद सभी रिश्ते जबरदस्ती हम पर थोप दी जाते है। बस एक ही रिश्ता होता है जिसे हम खुद अपनी मर्जी से बनाते है। वो रिश्ता है दोस्ती का। ये एसा रिश्ता होता है जो हर रिश्ते की कमी को पूरा करने का दम रखता है। लेकिन एक दोस्त से बिछड़ जाने के बाद जब उसकी यादें लौट कर आती है तो कोई भी रिश्ता उसकी कमी पूरी नहीं कर सकता । उन्ही दोस्तों की याद को समर्पित है हरिवंशराय बच्चनजी के द्वारा लिखित कविता "कुछ दोस्त बहुत याद आते