सोई तकदीर की मलिकाएँ - 37

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  सोई तकदीर की मलिकाएँ    37   37 सुभाष इस समय पूरी तरह से बौखलाया पङा था । जयकौर की शादी हो गयी और उसे पता ही न चला । चार दिन के लिए वह गाँव से बाहर क्या चला गया , इतना बङा कांड हो गया । ये उसका मन तीन दिन से शायद इसी लिए उचाट हो रहा था । उसका वहाँ मन ही नहीं लग रहा था । बार बार बेचैनी हो रही थी । घबराहट के मारे बुरा हाल था । जब काबू ही नहीं हुआ तो माँ को वहीं छोङ कर वह गाँव लौट