अगले दिन जब वह नन्दकिशोर से मिला तो वह भी मोहन की बात सुनकर पीपल के पेड़ के पास सिर पकड़कर बैठ गया । भाई, यह सब कैसे हो गया, मैंने तो छतरी का प्रयोग किया था। मेरे दोस्त सोनू ने मुझे शहर से लाकर दी थीं । मोहन ने एक खींचकर चाटा उसके मुँह पर मारा, और गुस्से में बोला, "अगर यह कांड न किया होता तो रिश्ता कबका ख़त्म कर देते"। नन्द किशोर अपने गाल को सहलाते हुए बोला, "भाई गलती हो गई, फ़ोन में वो अंग्रेज़ो की फिल्म देखी तो .....मोहनको गुस्से में देखकर आगे बोलने की