उजाले की ओर –संस्मरण

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नमस्कार स्नेहिल मित्रों इस अद्भुत जीवन में अद्भुत घटनाएँ होती रहती हैं | हम जानते भी नहीं कि इनके पीछे दरसल है क्या ? ये पवन की भांति घटित होती जाती हैं और हमारे मनों में कभी शीत की लहर का आभास लाती हैं तो कभी ग्रीष्म की गर्माहट ! मैंने इस स्थिति को जीया है इसलिए जब यह घटना पढ़ी तो इसे साझा करने से स्वयं को रोक नहीं सकी | कभी-कभी हम बहुत सी गलतफहमियों में जीते रहते हैं लेकिन जब तक हमें वास्तविकता का भान होता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है | हम