सोई तकदीर की मलिकाएँ - 36

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  सोई तकदीर की मलिकाएँ    36   सुभाष वहीं गली में खङा सोच में डूब उतरा रहा था कि रौंदू के कहने का मतलब क्या हुआ । ये जयकौर अचानक बङी सरदारनी कैसे बन गई । आज उसे गये कुल जमा छ दिन ही तो हुए है । तब तक तो परिवार में कहीं लङका देखने जाने की भी बात नहीं थी । दोनों भाइयों को जयकौर की चिंता है , ऐसा उनकी किसी बात से जाहिर नहीं हो रहा था । फिर अचानक वह बङी सरदारनी कैसे हो गयी  और अब ये रज्जी कह गयी कि उसे संदेश