प्रेम गली अति साँकरी - 7

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घर में सन्नाटा पसर गया दादी का जाना जैसे एक वट-वृक्ष का जड़ से कट जाना ! पहले तो उ.प्रदेश से काफ़ी रिश्तेदारों की गहमा-गहमी रही कालिंदी के व्यवहार से तो पहले ही रिश्तेदार चकित रहा करते थे अब सास के लिए इतना दुखी होते हुए देखकर बहुत से रिश्तेदार तो आश्चर्य ही कर रहे थे कि उनके परिवार की कोई भी बहुएँ ऐसी प्यार, सम्मान देने वाली और सुगढ़ न थीं जैसी ये मद्रासन निकली थी पापा बताया करते थे कि उनकी शादी में उनके रिश्तेदारों ने कितने मुँह बनाए थे उन्हें पापा गोरे लगते