में और मेरे अहसास - 71

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बेवफा के प्यार में आज तक में पागल हूँ l ख़ुद ही बंदी हूँ अब तलक में पागल हूँ ll   आखें बंधकर बेपनाह इश्क़ किया है l इसमे सूबा नहीं बिना शक में पागल हूँ ll   वक्त के साथ सब आके निकल गये l जहा थी वहीं ही गई रुक में पागल हूँ ll   हर बार समझोता किया गया है l हालत के आगे गई झुक में पागल हूँ ll   नादां मुहब्बत पे एतबार कर बैठी l सखी सुनो अब बकबक में पागल हूँ ll १-१-२०२३    शौख तो देखो नवाबी है l बस यही एक