बेवफा के प्यार में आज तक में पागल हूँ l ख़ुद ही बंदी हूँ अब तलक में पागल हूँ ll आखें बंधकर बेपनाह इश्क़ किया है l इसमे सूबा नहीं बिना शक में पागल हूँ ll वक्त के साथ सब आके निकल गये l जहा थी वहीं ही गई रुक में पागल हूँ ll हर बार समझोता किया गया है l हालत के आगे गई झुक में पागल हूँ ll नादां मुहब्बत पे एतबार कर बैठी l सखी सुनो अब बकबक में पागल हूँ ll १-१-२०२३ शौख तो देखो नवाबी है l बस यही एक