कहानी प्यार कि - 66

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फिर ठीक है... और अनिरुद्ध को बताने की कोई चालाकी भी मत करना....." हरदेव ने कहा.." नही करूंगी पहले अंजली को और अंकल आंटी को छोड़ो..." " ठीक है जाओ उन लोगो को छोड़ दो..." हरदेव ने कहा और उनके कुछ आदमी ऊपर गए और अंजली को और जतिन खन्ना और उनकी पत्नी को कमरे से बाहर ले आए...अंजली ने जैसे ही अपने मम्मी पापा को देखा वो दौड़कर उनके गले लग गई और रोने लगी.." मेरी बच्ची तुम ठीक हो ना? " मिसिस खन्ना ने अंजलि के सिर पर हाथ फेरते हुए पूछा.." हा मम्मा..." फिर तीनो नीचे होल