मां

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एक बार की बात है। एक छोटे से गांव में एक विधवा औरत और उसका बेटा रहता था । वह बहुत गरीब थे। मां दूसरे के घरों में जाकर मेहनत मजदूरी करके अपने बेटे श्याम को पढ़ाती थी। श्याम एक होनहार बालक था वह पढ़ने में बहुत तेज था, इसलिए उसकी मां उसे पढ़ाने लिए शहर भेजना चाहते थी। पर उसे ज्यादा रुपए की जरूरत थी, उसने दिन के काम के साथ-साथ रात को सिलाई करने का काम भी चालू कर दिया। रुपए जोड़कर श्यम को शहर भेजा। उसने कड़ी मेहनत से उसे पढ़ाया । समय ने करवट ली और